Tuesday 26 February 2013

ऎक कविता कुछ भ्रष्ट नेताओ को समर्पित



















सिंघासन हिला करते है, जब जनता कोशिश करती है,
और नेता फ्रॉड,करप्शन करते है, जब तक कुर्सी मिलती रहती है.

जब खुद ही जीत गए तो खूब करप्शन करते है
और गर जीत न पाए तो आरोप लगाया करते है.

लोगो मै है यह लड़ते रहते
पर यह सब है मिल जुल कर रहते

जैसे हम है ऑफिस जाते, वैसे यह है लोकसभा राज्यसभा जाते
और जैसे हम दिन रात काम करते, वैसे ही यह आराम करते

हम सोते है रात मै,
और यह सोते है दिन और रात मै

हम सोते है बिस्तर पर, और यह सोते है कुर्सी पर
हम चलते है सडको पर, और यह चलते है हैलीकॉप्टर पर

प्यास बुझाने को हम सब है पीते है पानी, और यह पीते है खून
इन्हें भूल न जाना मेरे भाइयो, यह आने वाले है अतिsoon 2014 .

किशोर कवी की कलम से पहला वार
यह मत पुछू भाइयो किसके साथ और किसके खिलाफ

मै और हम सब है ऎक साथ,
achoo के साथ और गंदो के खिलाफ

जय हिन्द ! जय भारत !







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